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असली-नकली प्रमुख ने गौर ब्लॉक के भवन को कराया अपने नाम

असली-नकली प्रमुख ने गौर ब्लॉक के भवन को कराया अपने नाम

-अब गौर ब्लॉक को जटाशंकर शुक्ल और कांती शुक्ला के नाम से जाना जाएगा, बड़े-बड़े अक्षरों में दंपति ने लिखवाया अपना नाम

बस्ती। जिले के लोगों को खासतौर से गौर ब्लॉक क्षेत्र के लोगों को यह जानकर बड़ी खुशी होगी कि ब्लॉक प्रमुख कांती शुक्ला और उनके पति जटाशंकर शुक्ल ने क्षेत्र पंचायत भवन को अपने नाम हमेशा-हमेशा के लिए करवा लिया, ब्लॉक भवन पर बड़े-बड़े अक्षरों में दंपति ने अपना नाम का पत्थर भी लगवा दिया। जिले के पहले ऐसे असली और नकली प्रमुख हैं, जिन्होंने ब्लॉक भवन को अपने नाम करवाया, अब इस भवन को जटाशंकर शुक्ल और कांती शुक्ला के नाम से जाना जाएगा। नाम परिवर्तन का गजट होना बाकी है। इसे देखकर अब सभी प्रमुख क्षेत्र पंचायत भवन को अपने नाम करवाना शुरु कर देगें। जब बीडीओ गौर से इस बारे में सीयूजी नंबर 9454464720 पर काल करके जानना चाहा तो उन्होंनें कोई रिस्ंपास नहीं दिया, दो बार फोन करने के बाद भी उन्होंने कोई रिस्पांस नहीं दिया। ऐसा लगता है, कि जाते-जाते पति और पत्नी अपना नाम अमर करना चाहते है। बीडीओ ने भी कोई एतराज नहीं किया, इससे पता चलता है, कि इसमें उनकी भी मर्जी रही होगी। गौर ब्लॉक क्षेत्र को भ्रष्टाचार की आग में झोंकने वाले नकली प्रमुख ने इस ब्लॉक को हमेशा के लिए अपने नाम करवा लिया। अगर इसी तरह प्रधान लोग पंचायत भवन को अपने नाम कराने लगे तो बुराई क्या है। क्षेत्र के लोग इसे क्या माने उनकी समझ में नहीं आ रहा है। इस भवन को सरकार का माने या पति-पत्नी का अंसमजस की स्थित बनी हुई है। अगर कोई इनसे यह पूछे कि अगर आप के आवास पर कोई अपना नाम लिखवाना चाहता है, तो क्या यह लिखने देगें, जाहिर सी बात हैं, जबाव न में ही रहेगा। पति और पत्नी को किस अकलमंद ने नाम लिखवाने की राय दी होगी, यह सोचने वाली बात है। अगर इसी तरह हर प्रमुख अपने परिवार का नाम क्षेत्र भवन पर लिखवाने लगे तो बचेगा क्या? तब डीएम और सीडीओ भी कलेक्टेट और विकास भवन को अपने नाम लिखवाने लगेंगंें। यहां गलती असली और नकली प्रमुख की नहीं हैं, बल्कि बीडीओ की हैं, जिन्होंने ऐसा करने दिया। बहरहाल, इाकी चर्चा पूरे जिले में होने लगी है, और दोनों हंसी के पात्र बन गए हैं।

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