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चर्चित पैथालाजी के संरक्षण में फलफूल रहे झोलाछाप डाक्टर्स

चर्चित पैथालाजी के संरक्षण में फलफूल रहे झोलाछाप डाक्टर्स

बस्ती। परशुरामपुर ब्लाक क्षेत्र के प्रमुख चौराहो तथा बाजारों में झोलाछाप चिकित्सकों की भरमार है। इन झोलाछाप डॉक्टरों के चलते अब तक न जाने गांव व  क्षेत्र के कितने गरीब, मरीज शिकार हो चुके हैं। कितनो  की तो जान भी जा चुकी है। वही ऐसे कई  मरीज हैं जो इनके इलाज के चलते गंभीर स्थिति में पहुंच चुके हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि इनकी शिकायत करने के बाद भी सीएमओ कार्यालय के जिम्मेदार की आंख नहीं खुल रही है । क्षेत्र के लोगों का कहना है कि सीएमओ कार्यालय पर झोलाछाप डॉक्टर से हर माह अच्छी रकम लेने का आरोप लग रहा  है। गरीब मरीजों के सामने सबसे बड़ी समस्या उनके खर्चीले इलाज से हो रही है। एक तो यह अप्रशिक्षित होते हैं।  ऊपर से ऐसी दवा लिखते हैं जो कारगर नहीं होती है। ऐसी दवाओं पर अधिक मार्जिन होने या फिर अधिक कमीशन मिलने के करण यह लोग गरीब मरीजों को मौत के मुंह में ढकेल रहे हैं। नाम न छापने की शर्त पर कई लोगों ने यह बताया कि यह झोलाछाप चिकित्सक मेडिकल स्टोर की आड़ में क्लीनिक चलाते हैं। इन लोगों के पास मेडिकल स्टोर चलाने का लाइसेंस भी नहीं है। यह झोलाछाप डॉक्टर क्षेत्र की जनता को गुमराह कर उनसे मोटी रकम ऐंठने का काम करते हैं। यही नहीं इनके द्वारा प्रतिबंधित दवाएं की बेची जा रही हैं। यह सब तो दूर की बात है इन्हें मरीजों को ग्लूकोस की बोतल टांगने में भी जरा सी झिझक भी नहीं है। परशुरामपुर कस्बे के अलावा गोपीनाथपुर, मडेरिया, सुकरौली कुंवर, श्रीनगर, हरिगांव, चौरी बाजार, सिकंदरपुर, कोहरांए,  रजवापुर, मखौड़ा धाम, तथा बेदीपुर जैसे कई प्रमुख बाजारों में झोलाछाप चिकित्सा अपना साम्राज्य स्थापित किए हैं। इनके द्वारा लिखी गयी दवांए भी किसी अन्य मेडिकल स्टोर पर नहीं मिलती और वह दवा सिर्फ इन्हीं के बताए गए मेडिकल स्टोर पर अथवा इनके खुद के मेडिकल स्टोर पर मिलती है। जांच के नाम पर स्वास्थ्य विभाग सिर्फ कागजी कोरम पूरा करता है। या ऐसा कहें कि जब भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी झोलाछाप चिकित्सकों अथवा अवैध मेडिकल स्टरों की विरुद्ध अभियान चलाकर छापेमारी करना शुरू करते हैं तो इन बाजारों में विभाग के अधिकारियों के पहुंचने से पहले उनकी दुकानों का शटर बंद हो जाता है। एक-दो दिन बाद फिर यह झोलाछाप अपनी दुकान सजाकर बैठ जाते हैं। मजे की बात यह है कि एक झोलाछाप चिकित्सक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि परशुरामपुर कस्बे की एक चर्चित पैथालोजी के संचालक के द्वारा अवैध मेडिकल स्टोरों तथा झोलाछाप चिकित्सकों का ग्रुप बनाया गया है। इन्हीं ग्रुप के माध्यम से स्थानीय अथवा जिले स्तर पर अधिकारियों की डील हो जाती है। जिससे कार्यवाही का डर ही नहीं रहता है। और जिले के अधिकारियों को आने की सूचना भी सोशल मीडिया के ग्रुप से मिल जाती है। डिप्टी सीएमओ डाँ एसबी सिंह का कहना है कि क्षेत्र में कुल कितने मेडिकल स्टोर का लाइसेंस है तथा कितने अवैध चल रहे हैं यह बात बता पाना मुश्किल है। समय-समय पर अवैध मेडिकल स्टरों तथा झोलाछाप के विरुद्ध अभियान चलाकर छापेमारी की जाती है। लेकिन बाजारों में पहुंचने से पहले झोलाछापों को कैसे पता चल जाता है इनकी दुकान बंद हो जाती है । इस बात की जानकारी नहीं हो पा रही है पिछले साल बेदीपुर श्रृंगी नारी तथा परशुरामपुर बाजार छापेमारी की गयी थी। जिसमें अवैध पैथालोजी तथा मेडिकल स्टरों पर कार्यवाही की गयी थी इस साल भी अभियान चलाकर कार्यवाही की जाएगी।

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