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डा. गौड़ के यहां मरीजों का जेवर तक उतार लेते

डा. गौड़ के यहां मरीजों का जेवर तक उतार लेते

-डा. एसके गौड़ का अस्पताल सील, लोगों ने इन्हें जिले का सबसे बड़ा चोर, डकैत और लुटेरा बताया, इस अस्पताल में न जाने की अपील की गई

-हम बस्ती के सम्मानित जनता से अपील करते हैं, कि सभी लोग मिलकर डा. गौड़ का बहिष्कार करे, दूसरे डाक्टर से इलाज कराएःनिरंकार मिश्र

-अगर इसका अस्पताल खुला रहा तो पता नहीं कितने बच्चों की जान चली जाएगीःराजन जायसवाल

-धीरेंद्र सिंह लिखते हैं, कि मैंने यहां के कई लोगों के जेवर उतरते देखें, इसके भीतर मानवता पूरी तरह मर चुकी

-ओम प्रकाश चौधरी लिखते हैं, कि डा. गौड़ व्यवहारिक डाक्टर नहीं, इनकी बहुत शिकायत, जो बच्चा इनके यहां भर्ती हो जाता है, जब तक उसके परिवार का खून चूस नहीं लेते डिस्चार्ज नहीं करते

-अस्पताल के बाहर इनके कुछ दलाल है, जो डाक्टर को गार्जिएन की हैसियत बताते हैं, उसी हिसाब से डा. गौड़ इलाज करते

-राहुल दूबे लिखते हैं, कि नंबर एक चोर है, कुछ ही सालों में बस्ती में जितने विवादित जमीन है, सब यह खरीद चुका है। नंबर एक बेईमान

-जनता टेंट हाउस वाले लिखते हैं, कि पत्रकार साहब जिस दिन यह जेल जाएगा मेरी तरफ से आप को 11 हजार मिठाई खाने को दूंगा

-रत्नाकर श्रीवास्तव आदर्श लिखते हैं, कि हम भी मानते हैं, कि यह डाक्टर बहुत बड़ा पैसा लूटने वाला है। इसने लोगों को लूटा, फिर मरीज इसके यहां क्यों जाते हैं, हम आप लोग ही ऐसे डाक्टर का मनोबल बढ़ाते है। सारे लोग जुटकर इस डाक्टर का प्रचार करके बताना चाहिए कि यह बस्ती का सबसे बड़ा लुटेरा डाक्टर

-भाजपा के प्रदीप चौधरी लिखते हैं, कि यह डाक्टर नहीं बल्कि चोर है, इसके यहां लोगों को इलाज कराने से बचना चाहिए, बच्चे की मौत के लिए एफआईआर दर्ज होना चाहिए

-कनकजीत पांडेय लिखते हैं, बस्ती जिले का सबसे बड़ा लुटेरा डाक्टर हैं, पैसे के लिए इस अस्पताल में अनेक लोगों के बच्चे दम तोड़ चुके है।

बस्ती। आखिर डा. एसके गौड़ का बच्चों वाला अस्पताल कुछ कमरों को छोड़कर सील हो गया। अब इनके खिलाफ एफआईआर लिखना बाकी है। जिस तरह इस अस्पताल में वैसों के लिए बच्चों के जीवन के साथ खिलवाड़ किसा जाता है, उसे देखते हुए अस्पताल को हमेशा के लिए बंद कर लेना चाहिए, क्यों कि मासूम बच्चों के जीवन से बढ़ कर डा. गौड़ का धंधा नहीं है। इसी लिए चारों ओर से अस्पताल को हमेशा-हमेशा के लिए बंद करने की मांग उठ रही हैं। कहा भी जा रहा है, कि ऐसे अस्पताल और ऐसे डाक्टर के होने से क्या फायदा जहां पर बच्चों के जीवन के साथ खिलवाड़ किया जाता हो। बहरहाल, इसी लाइन में डा. एसपी चौधरी भी आते है। लालू प्रसाद यादव कहते हैं, कि वह बच्चा लेकर डा. एसपी चौधरी के यहां गया था, पांच मिनट में सबकुछ चेकअप करके निमोनिया बताकर 1500 का बिल बना दिया, जब बिल मांगा तो आनाकानी करने लगे। झगड़ा करने पर उतारु हो गए। कहते हैं, कि वह जीवन में किसी को भी डा. एसपी चौधरी के यहां जाने की सलाह नहीं देगें। अनिल षुक्ल ने कहा कि वह तो कभी भी डा. एसके गौड़ और डा. एसपी चौधरी के यहां जाने की सलाह नहीं देतें। पंडित प्रदीपजी लिखते हैं, कि किसी भी डाक्टर से इलाज कराने से पहले पूछ लेना चाहिए कि डाक्टर साहब घूस देकर तो डाक्टर तो नहीं बने हो या आरक्षण से तो नहीं आए हो। यह सब जानकारी लेने के बाद मरीज को भर्ती कराना चाहिए। अविनाश दूबे लिखते हैं, कि डा. गौड़ की आदत झूठ बोलने की, सबसे अधिक इसी के विरुद्व शिकायत, वसूली करने के लिए भाड़े के गुंडे पाल रखे है। निरंकार मिश्र लिखते हैं, कि हम बस्ती के सम्मानित जनता से अपील करते हैं, कि सभी लोग मिलकर डा. गौड़ का बहिष्कार करे, दूसरे डाक्टर से इलाज कराएं। राम सकल गौतम लिखते हैं, कि मुझे भी डा. गौड़ ने लूटा, लड़के को भर्ती कर दिया, दो साल हो गया कर्जा चुका रहा हूं। राजन जायसवाल लिखते हैं, कि अगर इसका अस्पताल खुला रहा तो पता नहीं कितने बच्चों की जान चली जाएगी। धीरेंद्र सिंह लिखते हैं, कि मैंने यहां के कई लोगों के जेवर उतरते देखें है। इसके भीतर मानवता पूरी तरह मर चुकी है। सिर्फ पैसे एंठने का काम करता, मोनोपोली मेडिसिन का यह पुराना खिलाड़ी। बाबा जयराज यादव लिखते हैं, कि इतना बड़ा चोर जिला में कोई भी बच्चे का डाक्टर नहीं है।संजय मोदनवाल लिखते हैं, कि पहले बच्चे का कंडीषन खराब कर चूसता है, और उसके बाद रेफर करता है। धर्म प्रकाश लिखते हैं, जो बस्ती में नहीं लूट पाया, समझो वह डाक्टर नहीं। अमित कुमार लिखते हैं, पहले यह बच्चे का कंडीशन बताकर डराता है, और उसके बाद चूसता है। जनता टेंट हाउस बस्ती लिखते हैं, कि इससे बड़ा चोर और धूर्त पूरे जिले में कोई डाक्टर नहीं। चंद्रभूषण चौधरी लिखते हैं, कि इनको पैसे की इतनी ललक हैं, कि अगर बेड खाली हैं, और किसी बच्चे को छींक ही क्यों नहीं आ रहा है, तो उसे त्वरित सीरिएस बताकर एडमिट कर देते। इनके यहां लूट मची हुई, अगर निमोनिया रहेगा तो हार्ट का प्राब्लम बताकर लूट लेगें। ओम प्रकाष चौधरी लिखते हैं, कि डा. गौड़ व्यवहारिक डाक्टर नहीं, इनकी बहुत शिकायत, जो बच्चा इनके यहां भर्ती हो जाता है, जब तक उसके परिवार का खून चूस नहीं लेते डिस्चार्ज नहीं करते। अस्पताल के बाहर इनके कुछ दलाल है, जो डाक्टर को गार्जिएन की हैसियत बताते हैं, उसी हिसाब से इलाज करते है। शिवपूजन लिखते हैं, कि सबसे गंदा अस्पताल हैं, हर हाल में बच्चे को भर्ती करना ही पड़ेगा, इन्हें पैसे से मतलब हैं, कितना भी एमरजेंसी क्यों न हो बिना एमरजेंसी फीस लिए बच्चे को नहीं देखते। भाजपा के प्रदीप चौधरी लिखते हैं, कि यह डाक्टर नहीं बल्कि चोर है, इसके यहां लोगों को इलाज कराने से बचना चाहिए, बच्चे की मौत के लिए एफआईआर दर्ज होना चाहिए। वासुदेव कष्यप लिखते हैं, कि 2022 में डा. गौड़ से हमारी भी झड़प हो गई थी, इसके खिलाफ केस भी कर दिया था। सानू श्रीवास्तव कहते हैं, कि छह माह पहले डा. गौड़ उसे भी रेल चुके है। पूरे जिले को मालूम हैं, कि इसे सिर्फ पैसे से मतलब। मंत्री के कथित प्रतिनिधि अमन राजभर लिखते हैं, कि इस डाक्टर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। बहुत बड़ा चोर है। राहुल दूबे लिखते हैं, कि नंबर एक चोर है, कुछ ही सालों में बस्ती में जितने विवादित जमीन है, सब यह खरीद चुका है। नंबर एक बेईमान है। जनता टेंट हाउस वाले फिर फिर लिखते हैं, कि पत्रकार साहब जिस दिन यह जेल जाएगा मेरी तरफ से आप को 11 हजार मिटाई खाने को दूंगा। सानू पाठक लिखते हैं, मेरे बच्चे भी डा. गौड़ के यहां एडमिट थे, पहले तो यह इलाज के नाम पर चूसते हैं, और जब बच्चा सीरिएस हो जाता है, तो उसे रेफर कर देते है। वकील अहमद सिद्वीकी लिखते हैं, कि यह डाक्टर नहीं इसने लूट का अस्पताल बना रखा है। बहुत ही निर्दय डाक्टर है। सुनील कुमार लिखते हैं, कि एक डाक्टर को केवल डाक्टर ही होना चाहिए, पैसा कमाने की मशीन नहीं बनना चाहिए, एक ही छत के नीचे पैथालाजी अल्टासाउंड, एक्सरे और मेडिकल स्टोर, यह मोनोपाली है, क्या, मरीजों को बेवकूफ बनाते है। श्रीधर पांडेय लिखते हैं, यह अस्पताल और डाक्टर गौड़ बच्चों के लिए बहुत बड़ा खतरा है। रत्नाकर श्रीवास्तव आदर्श लिखते हैं, कि हम भी मानते हैं, कि यह डाक्टर बहुत बड़ा पैसा लूटने वाला है। इसने लोगों को लूटा, फिर मरीज इसके यहां क्यों जाते हैं, हम आप लोग ही ऐसे डाक्टर का मनोबल बढ़ाते है। सारे लोग जुटकर इस डाक्टर का प्रचार करके बताना चाहिए कि यह बस्ती का सबसे बड़ा लुटेरा डाक्टर है। कनकजीत पांडेय लिखते हैं, बस्ती जिले का सबसे बड़ा लुटेरा डाक्टर हैं, पैसे के लिए इसके अस्पताल में बच्चे दम तोड़ चुके हैं।

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