- 29°C Noida, Uttar Pradesh |
- Last Update 11:30 am
- 29°C Greater Noida, Uttar Pradesh
एसओ ने कहा मैं यादव के खिलाफ मुकदमा नहीं लिखता
-मायावती होती तो क्या दलित को एसओ के खिलाफ धरने पर बैठना पड़ता
-एसओ पैकोलिया के उत्पीड़न को लेकर धरने पर बैठे दो दलित
बस्ती। अगर पुलिस वाले जाति और बिरादरी देखकर एफआईआर लिखने लगे तो फिर इनमें और आतंकवादी में क्या फर्क रह गया, आंतकी भी जाति पूछकर देखकर गोली मारते है। मामला पैकोलिया थाने के एसओ धमेंद्र कुमार यादव का है। इनके खिलाफ दुलारपुर निवासी दलित विजय कुमार डीएम कार्यालय पर धरने पर बैठते हुए न्याय की मांग कर रहा है। इसका कहना है, कि पुरानी रंजिश में श्याम सुंदर यादव, सूबेदार यादव, निरहू यादव एवं राजकुमार यादव ने उसकी दुकान पर चढ़कर जाति सूचक शब्दों का इस्तेमाल करते लाठी, डंडों और लात घूसों से खूब मारा। जान से मार देने की धमकी भी दिया। 112 को भी बुलाया, आई और चली गई। घटना की जानकारी थाने दिया। मुकदमा नहीं लिखा गया। 22 अप्रैल को एसएचओ साहब बोले कि खुद जांच करुंगा। मौके पर आए भी सत्यतता का पता भी उनको चला। उसके बाद मुझे और मेरे साथी को हवालात में डाल दिया, और घुड़की धमकी देने लगे। कहा कि मैं अपनी जाति और बिरादरी के लोगों के खिलाफ मुकदमा नहीं लिखता। मेरे न मानने पर 151 में चालान कर दिया। जिससे अपनी बिरादरी के लोगों को बचाया जा सके। एफआईआर लिखने से मना कर दिया। कहा कि इससे साबित होता है, कि एसएचओ साहब जातिवाद में लिप्त है। मेरे चोटों का मुआयना भी नहीं कराया गया।
0 Comment