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एसओ साहब अभियुक्तों की जमानत भी खारिज हो चुकी, अब तो गिरफतार कीजिए!
-पति सहित तीन पर जान लेवा हमला करने वाले सत्यदेव दूबे, सुनील और रवि को गिरफतार करने के लिए कौस्तुभ द्विवेदी की पत्नी सीमा देवी एसपी सहित अन्य अधिकारियों का चक्कर लगा रही
-एसपी से कहा कि साहब अब तो तीनों अभियुक्तों की जमानत खारिज हो चुकी, अब तो एसओ से कहकर गिरफतार करवा दीजिए, क्यों कि अभियुक्तों की ओर से बराबर धमकी मिल रही, कहीं ऐसा न हो कि इस बार जान से ही न मार दें
-मामला थाना परसरामपुर के ग्राम गन्नीपुर में 28 मई 25 की, जहां पर तीनों अभियुक्तों ने पुरानी रंजिश के चलते कौस्तुभ पुत्र देवमणि मर्म स्थान सहित सात गंभीर चोंटें, अरुण कुमार पुत्र राजकरन मर्म स्थान सहित 12 गंभीर चोटें और अरविंद कुमार पुत्र अरुण मर्म स्थान सहित 12 गंभीर चोटें पहुंचाई
बस्ती। अगर एसओ परसरामपुर 307 के अभियुक्तों की जमानत खारिज होने के बाद भी गिरफतार नहीं करते तो उन पर सवाल उठेगा ही, और यह सवाल गभीर रुप से घायल कौस्तुभ द्विवेदी की पत्नी सीमा द्विवेदी ने उठाते हुए एसपी साहब से मिलकर पति सहित तीन पर जान लेवा हमला करने वाले सत्यदेव दूबे, सुनील और रवि को गिरफतार करने की मांग की है, क्यों कि तीनों फिर से मारने की धमकी दे रहे हैं। मामला थाना परसरामपुर के ग्राम गन्नीपुर में 28 मई 25 की है, जहां पर तीनों अभियुक्तों के द्वारा पुरानी रंजिश के चलते कौस्तुभ पुत्र देवमणि मर्म स्थान सहित सात गंभीर चोंटें, अरुण कुमार पुत्र राजकरन मर्म स्थान सहित 12 गंभीर चोटें और अरविंद कुमार पुत्र अरुण मर्म स्थान सहित 12 गंभीर चोटें पहुंचाई। मेडिकल रिपोर्ट में भी तीनों के शरीर पर लोहे के हथियार की चोंटे पाई गई। इसके बाद ही धारा 307 की बढ़ोत्तरी की गई।
घटना के बारे में पत्नी सीमा द्विवेदी ने बताया कि 28 मई 25 की रात्रि करीब 11 बजे मेरे पति सहित अन्य मीन एक भागवत में शामिल होकर घर वापस आ रहे थे, रास्ते में गांव के सत्यदेव दूबे पुत्र सूर्यप्रकाश, सुनील पुत्र सत्यदेव और रवि पुत्र सत्यदेव पुरानी रंजिश के कारण लोहे के हथियार व सरिया से लैस होकर पति की हत्या करने की नीयत जानलेवा हमला कर दिया, जिससे मेरे पति को गंभीर चोटें आई, जिससे वह जोर से चिल्लाने हुए जमीन पर गिर पड़ें और बेहोश हो गए। अरुण कुमार पुत्र राजकरन एवं अरविंद कुमार पुत्र अरुण कुमार पति को बचाने आए तो अभियुक्तों ने उन लोगों पर भी जानलेवा हमला कर दिया। चीख चिल्लाहट की आवाज पर आसपास एवं गांव के अनेक लोग मौके पर आ गए, घटना को देखे और बीचबचाव किए, तो अभियुक्तगण ने कि साले मर गएं हैं, अब यहां से भाग चलो। तीनों घायलों को तत्काल इलाज के लिए अयोध्या ले जाया गया, जहां पर काफी इलाज के बाद तीनों की जान बची। कहा कि मेरे पति की हालत चिंताजनक होने के कारण अग्रिम अस्पताल अयोध्या में काफी दिनों तक भर्ती कराना पड़ा, तब जाकर उनकी जान बची। कहा कि तीनों की अंतिम जमानत आवेदन निरस्त हो चुकी है।
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