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‘फर्जीवाड़ा’ के ‘बुनियाद’ पर खड़ा ‘मेडीवर्ल्ड हास्पिटल’

‘फर्जीवाड़ा’ के ‘बुनियाद’ पर खड़ा ‘मेडीवर्ल्ड हास्पिटल’

-फर्जीवाड़ा का केंद्र बना मेडीवर्ल्ड हास्पिटल, लाइसेंस फर्जी, भवन का मानचित्र स्वीकृति नहीं

-आरटीआई के एक जबाव में बीडीए ने बताया कि मेडीवर्ल्ड हास्पिटल का मानचित्र स्वीकृति नहीं, अगर स्वीकृति नहीं तो बीडीए ने क्यों नहीं अब तक की कार्रवाई

-बीडीए ने बिना मौका मुआयना किए जबाव दे दिया, जबाव के विरोध में सूचना मांगने वाले आशुतोश सिंह ने की अपील, 12 दिसंबर 25 को होगी सुनवाई

बस्ती। मेडीवर्ल्ड हास्पिटल के फर्जीवाड़े में इसके संचालक डा. प्रमोद कुमार चौधरी ही नहीं सीएमओ, पुलिस और बीडीए वाले भी शामिल है। इसी लिए इस हास्पिटल को फर्जीवाड़ा का केंद्र माना जा रहा है। ऐसा लगता है, कि मानो इस हास्पिटल की बुनियाद ही फर्जीवाड़ा के बुनियाद पर खड़ी की गई हो। इतना फर्जीवाड़ा करने के बाद भी डा. प्रमोद चौधरी पर कोई फर्क नहीं पड़ा। कहा भी जा रहा है, कि अगर इनके स्थान पर कोई और होता तो इतनी बदनामी के बाद रेडक्रास सोसायटी के सभापति के पद से न जाने कब का इस्तीफा दे दिया होता, ऐसा लगता है, कि मानो इनके भीतर नेताओं वाली छवि घुस गई, तभी तो यह इस्तीफा देने के बजाए आरोपों का डटकर सामना कर रहे है। अभी तक तो धन और राजनीति के बल पर जैसा चाहा वैसा किया। यह वही लोग कर पाते हैं, जो पैसे और पद को ही सबकुछ समझते है। बहरहाल, इनके फर्जीवाड़े में सहयोग करने वालों में अब बीडीए का भी नाम जुड़ गया। बीडीए के लोगों के दोस्त डा. प्रमोद कुमार चौधरी जैसे पैसे वाले ही होते है। बीडीए के लोगों ने जितना पैसा नामचीन डाक्टरों के फर्जीवाड़े से कमाया, उतना शायद ही कोई विभाग का भ्रष्ट अधिकारी कमाया होगा। बीडीए उतनी तरक्की नहीं कर रहा है, जितना इससे जुड़े लोग कर रहे है, और बीडीए के लोगों की तरक्की में सबसे अधिक योगदान नामचीन डाक्टर्स का रहा।

अवैध रुप से मेडीवर्ल्ड हास्पिटल बनकर खड़ा भी हो गया, और बीडीए ने आज तक एक नोटिस तक जारी नहीं किया, जो भी नोटिस जारी की होगी, वह कागजों में और धन की वसूली के लिए की होगी, अगर नोटिस जारी करते तो अब तक अवैध निर्माण में कब का हास्पिटल बंद हो गया होता। लेकिन बीडीए के लोगों को तो गांधीजी चाहिए, उसे डा. प्रमोद चौधरी जैसे लोग पूरा करते रहते है। इसी लिए कहा जा रहा है, कि मेडीवर्ल्ड हास्पिटल फर्जीवाड़ा का केंद्र बन गया, लाइसेंस फर्जी, भवन का मानचित्र स्वीकृति नहीं। आरटीआई के एक जबाव में बीडीए ने बताया कि मेडीवर्ल्ड हास्पिटल का मानचित्र स्वीकृति नहीं, अगर स्वीकृति नहीं तो बीडीए ने क्यों नहीं अब तक कोई कार्रवाई किया? बीडीए ने बिना मौका मुआयना किए जबाव दे दिया, जबाव के विरोध में सूचना मांगने वाले आशुतोश सिंह ने  अपील की है, जिसकी सुनवाई 12 दिसंबर 25 को होगी। कहा गया कि उनके द्वारा मांगी गई पांच बिंदुओं की जानकारी के क्रम में बीडीए ने किसी का भी सही जवाब नहीं दिया। कहा कि जन सूचना अधिकारी ने बिना पत्र पढ़ें, बिना मौका मुआयना किये अपने कार्यालय में ही बैठकर निर्णय ले लिया है। अगर जन सूचना अधिकारी सम्बंधित कर्मचारी पत्र को गंभीरता से पढे होते तो उसमें प्रश्नों का उत्तर सही आता और  हमारा और आपका समय भी बचता और न मुझे अपील ही करनी पड़ती। बस्ती विकास प्राधिकरण का राजस्व भी बढ़ता, क्योंकि घरेलू मकान में व्यावसायिक कार्य करना भी नियमों के विपरीत है जो कि मौके मुयाइना से स्पष्ट हो जाता।

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