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किन्नरों की दुर्दशा को केंद्र सरकार जिम्मेदारःसांसद

किन्नरों की दुर्दशा को केंद्र सरकार जिम्मेदारःसांसद

-अगर केंद्र सरकार किन्नरों के उत्थान के लिए काम रही इंदिरा चेरिटेबल सोसाइटी के प्रस्ताव को मंजूर कर देता तो किन्नरों की स्थित बेहतर हो जाती, लेकिन अनुमोदन की फाइल भारत सरकार के पास अटकी हुई

-राज्यपाल आनन्दीबेन तक पहुंची बस्ती में गरिमा गृह स्थापित किये जाने की मांग

-बस्ती के किन्नरों को राज्यपाल ने भेंट किया उपहार स्वरूप साडियां

-गरिमा गृह स्थापित होने से ट्रांसजेण्डरों को मिलेंगी सुविधाएंःअजय कुमार

बस्ती। सपा के सांसद राम प्रसाद चौधरी का कहना है, कि आज जो किन्नरों की दुर्दशा हो रही है, उसके लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार है। कहा कि उनकी सिफारिश को केंद्र सरकार ने ठंडे बस्ते में डाल दिया। कहते हैं, कि अगर केंद्र सरकार किन्नरों के उत्थान के लिए काम रही इंदिरा चेरिटेबल सोसाइटी के प्रस्ताव को मंजूर कर देता तो किन्नरों की स्थित बेहतर हो जाती, लेकिन अनुमोदन की फाइल भारत सरकार के पास अटकी हुई।

जनपद मंें ट्रांसजेण्डरों को भोजन चिकित्सा सुविधा, परामर्श और आश्रय प्रदान करने के उद्देश्य से गरिमा गृह स्थापित किये जाने की मांग राज्यपाल आनन्दीबेन तक पहुंची। ट्रांसजेण्डरों के लिए काम कर रही इंदिरा चेरिटेबल सोसाइटी के सीईओ अजय कुमार पाण्डेय ने राज्यपाल आनन्दीबेन को गरिमा गृह स्थापित के सम्बन्ध में विस्तार से वार्ता किया। आग्रह किया कि ट्रांसजेण्डरों के हित में इसे शीघ्र जमीनी धरातल पर उतारा जाय। राज्यपाल से वार्ता के बाद सीईओ अजय कुमार पाण्डेय ने बताया कि राज्यपाल ने इसे गंभीरता से लिया है इससे उम्मीद जग गई है कि बस्ती में गरिमा गृह स्थापित किये का संकल्प शीघ्र साकार रूप लेगा।

राज्यपाल आनन्दीबेन से भेंट करने वाले शिष्ट मण्डल में काजल किन्नर, कुलवेन्द सिंह, डॉ. दिनेश कुमार विश्वकर्मा आदि ने उन्हें गरिमा गृह स्थापित किये जाने की आवश्यकता के सम्बध में विस्तार से जानकारी दिया। इंदिरा चेरिटेबल सोसाइटी के सीईओ अजय कुमार पाण्डेय ने राज्यपाल आनन्दीबेन को बताया कि सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार नई दिल्ली की ओर से वित्तीय वर्ष 2024-25 में ट्रांसजेंडरों के लिए गरिमा गृह चलाने के लिए गैर-सरकारी संगठनों को आमंत्रित किया गया था। इसमें सामाजिक, मनोवैज्ञानिक और आर्थिक बाधाओं का सामना करने वाले ट्रांसजेंडरों को भोजन चिकित्सा सुविधाएँ और परामर्श जैसी सुविधाओं के साथ आश्रय प्रदान करने का उद्देश्य था। बस्ती में ट्रांसजेंडरों के लिए काम कर रही इंदिरा चेरिटेबल सोसाइटी ने संचालन करने का प्रस्ताव भेजा था जिसे शासन ने स्वीकृति प्रदान करते हुए भारत सरकार को भेज दिया था लेकिन अनुमोदन की फाइल भारत सरकार के पास अटकी हुई है। इसकी सिफारिश सांसद राम प्रसाद चौधरी ने भी केन्द्र सरकार से किया था लेकिन फाइल जस की तस पड़ी रही।

राज्यपाल के मार्गदर्शन में संस्था द्वारा चलाए जा रहे “हुनरमंद किन्नर” कार्यक्रम के प्रगति रिपोर्ट पर राज्यपाल संतुष्ट रही और संस्था के कार्यों की सराहना किया। गौरतलब है कि राज्यपाल ने पिछले वर्षों के जनपदीय भ्रमण कार्यक्रम में बस्ती आकर हुनरमंद किन्नर कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए दो ट्रांसजेंडरों को प्रतीकात्मक टीजी कार्ड और सिलाई मशीन का वितरण किया था। बस्ती में ट्रांसजेंडरों के कल्याण के लिए राज्यपाल ने डीएम बस्ती को हर संभव मदद के लिए भी अपने ओएसडी को निर्देश देने को कहा। राज्यपाल ने संस्था को उपहार स्वरूप 45 साड़ियाँ प्रदान किया। 

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