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लालगंज थाना बना डाकखाना, पत्र डालिए, घर जाकर सो जाइए

लालगंज थाना बना डाकखाना, पत्र डालिए, घर जाकर सो जाइए

-आखिर इस थाने से क्यों नहीं फरियादियों को न्याय मिल रहा, क्यों उनसे कहा जाता कि आज भीड़ अधिक कल आइए, अंत में बला टालने के लिए कहा जाता है, कि मामला थाने से संबधित नहीं

-मुनरा देवी को क्या इस जन्म में न्याय मिल पाएगा, उसका पैसा मिल पाएगा कि नहीं?

बनकटी/बस्ती। किसी भी थाना क्षेत्र में घटना होना कोई नई बात बात नहीं हैं, किसी थाना क्षेत्र में अधिक होता है, किसी में कम होता, महत्वपूर्ण यह है, कि किस थाना क्षेत्र में फरियादियों को सबसे अधिक न्याय मिलता? जिस भी थाने में न्याय मिलता है, जनता उस थाना और उस थाने के लोगों की जयजयकार करती है। पुलिस को इसी थ्योरी पर काम करना चाहिए, तभी पुलिस की और सरकार की छवि सुधरेगी। थाना लालगंज की जयजयकार जनता क्यों नहीं कर रही है? और क्यों थाने से निकलने के बाद उसके आंख में आसूं होते हैं? इस सवाल का जबाव थाना लालगंज के जिम्मेदारों को तलाशना होगा।

लालगंज थाना क्षेत्र में आए दिन घटनाएं कारित हो रही है। लेकिन पुलिस द्वारा त्वरित कार्यवाही न होने की वजह से अपराधियों का मनोबल दिन दुना रात चौगुना बढ़ता ही जा रहा है। थाना डाकखाना बन गया है। लेटर बाक्स में चिट्ठी डालिए घर जाईये। संतकबीरनगर जिले के महुली थाना क्षेत्र की बेलराई निवासी विधवा मुनरा देवी ने लालगंज पुलिस को समाधान दिवस पर प्रार्थना पत्र देने आई थी, पुलिस के द्वारा कहा गया कि आज भीड़ ज्यादा हैं। कल आना। पीड़िता पुनः रविवार को थाने पर गई, प्रार्थना पत्र लिया भी गया। लेकिन अभी तक कोई हल नहीं निकला। विधवा मुनरा देवी की आर्थिक स्थिति बिल्कुल नाजुक है इनके पास सिर्फ दो बेटियां हैं पति राम सकल यादव का एक वर्ष पूर्व निधन हो जाने के बाद दोनों वक्त का चूल्हा जलना मुश्किल हो गया है। खेती के लिए दस विस्सा जमीन है। इनका खाता पंजाब नेशनल बैंक में है। इनका आरोप है कि यह लालगंज थाना क्षेत्र के देईसाड़  बाजार में निपेन्द्र पटेल की दुकान पर आधार एवं मोबाईल न0 लिंक कराने गई थी। पटेल एवं उनके सहयोगियों द्वारा एक माह के अंदर 32 हजार रुपए खाते में से निकाल लिया गया। जब इस बाबत दुकानदार से बात की तो उनके पिता द्वारा 8 दिन का समय मांगा गया था लेकिन अब कुछ भी सुनने को तैयार नहीं है। अब कहा जा रहा है कि हमने कोई रुपए नहीं निकाले हैं। कहते हैं कि जहां जाना चाहों जाओ। न्याय पाने की उम्मीद से समाधान दिवस में आयी थी। इसी बावत रविवार को तहरीर देने के लिए रविवार को बुलाया गया था। आरोपित को बुलाया भी गया था। लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। सप्ताह बीतने को हैं विधवा एवं लाचार महिला ने रोते हुए बताया, कि इस गंभीर स्थिति में भी पुलिस द्वारा मानसिक रूप से परेशान किया जा रहा है। पति के मेहनत की कमाई डूबने की वजह से लाचार बनी हुई है। पुलिस को दिए गए प्रार्थना पत्र में लिखा है मुझे आप से पूरी उम्मीदे है। आप मेरे मामले में स्थित को समझेंगे। लेकिन एक सप्ताह बाद पुनः विधवा मुनरा देवी लालगंज थाना पर आई, जिसकी उम्मीद पर पानी फेरते हुए एक टूक शब्दों में कह दिया गया यह मेरा मामला नहीं है। थक-हार कर न्याय पाने की उम्मीद से पुलिस अधीक्षक बस्ती के पास गयी है।

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