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प्रेग्नेंसी के दौरान किस चीज से रहता है बच्चे को सबसे ज्यादा खतरा? जान लीजिए आप
प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं के शरीर में कई तरह के हार्मोनल चेंजेज होते हैं. इस दौरान मां से बच्चों में टाइप-2 डायबिटीज का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है.
प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं के शरीर में कई तरह के हार्मोनल चेंजेज होते हैं. इस दौरान मां से बच्चों में टाइप-2 डायबिटीज का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है. इसलिए ऐसी स्थिति में खास ध्यान रखने की जरूरत है. जेस्टेशनल डायबिटीज की स्थिति में महिलाओं को प्रेग्नेंसी के दौरान कुछ खास चीजों का ख्याल रखना पड़ताहै.
जेस्टेशनल डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है
प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं में ब्लड शुगर लेवल और जेस्टेशनल डायबिटीज का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है. प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं के शरीर में कई तरह का हार्मोनल चेंजेज होते हैं. जिनके कारण उन्हें कई सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. जेस्टेशनल डायबिटीज उन्हीं में से एक है. ऐसी स्थिति में खास ध्यान रखने की जरूरत है.
जिन महिलाओं को मिर्गी की बीमारी है तो शुरुआत से ही महिला का अच्छे तरीके से इलाज करते हैं उन्हें दवाइयों का डोज कम कर देते हैं. डॉक्टरों को अगर बीमारी का पता पहले चल जाता है तो वह इस बीमारी का इलाज पहले से ही करने लगते हैं ताकि बच्चे यह सभी बीमारी से सुरक्षित रह सके.
गर्मी-बरसात में डिहाइड्रेशन का खतरा बढ़ जाता है
गर्मी के मौसम में डिहाइड्रेशन का खतरा काफी ज्यादा रहता है. खासकर प्रेग्नेंट महिलाओं को इस मौसम में अपना खास ख्याल रखने की जरूरत होती है. महिलाओं को इस मौसम में अक्सर डर सताता है कि शरीर में पानी की कमी न हो जाए. या अचानक से गर्मी के कारण कहीं हेल्थ न बिगड़ने लगे.
इन सब के अलावा गर्भ में पल रहे बच्चे पर भी गर्मी का बुरा असर पड़ता है. गर्मियों में महिला को खूब पानी पीना चाहिए. साथ ही साथ फल और ताजा जूस पीना चाहिए. महिलाओं को दही, छाछ तो जरूर अपनी डाइट में शामिल करनी चाहिए. यह शरीर को ठंडा रखने का काम करती है. इन सब के अलावा भरपूर सलाद खाना चाहिए. गर्मियों में अगर बाहर निकलती हैं खुद को अच्छी तरह से ढककर निकलें.
प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में कई तरह के हार्मोनल चेंजेज होने लगते हैं
प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में कई तरह के हार्मोनल चेंजेज होते हैं. साथ ही महिलाएं वेट गेन करने लगती है. जिसके कारण बॉडी सेल्स में कई तरह के बदलाव होने लगते हैं और इंसुलिन रेजिस्टेंस की स्थिति शुरू होती है. ऐसी स्थिति में इंसुलिन की जरूरत होती है.
खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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