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प्रशासन के रडार पर 52 आयुष्मान प्राइवेट हास्पिटल

प्रशासन के रडार पर 52 आयुष्मान प्राइवेट हास्पिटल

बस्ती। वैसे जिले में कुल 102 आयुष्मान से आच्छादित सरकारी और प्राइवेट अस्पताल है। इनमें 50 सरकारी और 52 प्राइवेट अस्पताल है। इन सभी अस्पतालों में आयुष्मान के एक मरीज का इलाज साल में पांच लाख तक हो सकता है। जिले में कुल सात लाख 52 हजार आयुष्मान के कार्ड बने है। जबकि लक्ष्य 11 लाख का है। साढ़े सात लाख में से शायद सौ मरीज का यह तक नहीं मालूम होगा, कि उन्हें इलाज के दौरान सरकार क्या-क्या निःशुल्क देती है। कहने का मतलब अगर आयुष्मान का कोई मरीज अस्पताल पहुंच गया तो उसका एक रुपया भी नहीं लगना है। यहां तक जब मरीज डिस्चार्ज होता है, तो उसे 15 दिन की दवा निःशुल्क देने का प्राविधान है। मरीज के साथ में तीमारदारी करने वाले एक व्यक्ति को निःशुल्क भोजन और नाशता मिलता है। शिकायतों को अगर देखा जाए तो अधिकांश प्राइवेट अस्पतालें इलाज, दवा, भोजन, आपरेशन के नाम पर मरीजों का शोषण करते है। कहा भी जाता है, कि अगर कोई अस्पताल या फिर अस्पताल का मालिक समाज के अंतिम व्यक्ति का भोजन और दवा खाता है, तो उस व्यक्ति को समाज का सबसे गंदा और सबसे बड़ा पापी माना जाता है। ऐसे लोगों को ही समाज खूनचुसवा कहा जाता है। यह भी सही है, कि गरीबों का भोजन खाने वाले अस्पतालें खूब तरक्की कर रही हैं, और जो ईमानदारी दिखा रही है, उनका खर्चा तक नहीं निकल पा रहा है। ऐसे अस्पतालों में मरीजों से अधिक एमआर आते है।प्र

शासन के रडार पर जो प्राइवेट अस्पतालें हैं, उनमें आदिशक्ति मेडिकल सेंटर, अक्षय हास्पिटल, अंनता हर्ट एंड कैंसर हास्पिटल, अंनता हास्पिटल, अर्चना हास्पिटल, अवधेष सिंह नर्सिगं होम, अयोध्या आई हास्पिटल, अयोध्या सेवा हास्पिटल, बस्ती टामा सेंटर, केयर सेंटर, केयर मल्टी स्पेषिलस्ट हास्पिटल, डिसेंट मल्टी हास्पिलटी हास्पिटल, गैलेक्सी आई इंस्टीच्यूट एंड पालीक्लिनिक, ग्लोबल हास्पिटल एंड मेटरनिटी सेंटर, जीएस मल्टीहास्पिलटी हास्पिटल, हडडी हास्पिटल, हिंद हास्पिटल, जेजे हास्पिटल बस्ती, कांती देवी नर्सिंगं होम, खैर हास्प्टिल, खैर मेमोरिएल हास्पिटल बस्ती, किरन सरजिकल सेंटर, एमएस हास्पिटल, मरियम हर्ट हास्पिटल, नवज्योति आई हास्पिटल, नवयुग मेडिकल सेंटर प्रा.लि. न्यू आदर्श हास्पिटल, नूर हास्पिटल, ओमआर्थोपेडिक एंड मल्टी हास्पिटलीटी हास्पिटल, पटेल हास्पिटल, पटेल एसएमएच हास्पिटल एंड पैरामेडिकल कालेज गोटवा, पीएमसी नर्सिगं होम, प्रकाश मेडिकल सेंटर, आरसीसी मेमोरिएल मल्टीस्पेषिलिस्ट हास्पिटल एंड टामा सेंटर, राजेंद्र इंस्टीच्यूट आफ मेडिकल साइंस एंड हास्पिटल, रिमेडी प्लस सुपर स्पेशिलिटी हास्पिटल एंड टामा सेंटर, एसएस मल्टी स्पेशिलिस्टी एंड मेटरनिटी, संतकबीर आई हास्पिटल, सत्या मल्टी स्पेशिलिटी हास्पिटल, शंकुश हास्पिटल प्रा. लि. शर्मा हास्पिटल, श्रीकृष्ण मिशन हास्पिटल, स्टार हास्पिटल, तथास्तु इंस्टचूयूट आफ मेडिकल साइसं एंड हास्पिटल, विशाल नर्सिगं होम, ज्यान हास्पिटल, मुस्कान हास्पिटल कलवारी, ओमवीर हास्पिटल कैली के पास, दिव्यांश मेडिकल रौता एवं जीएस हास्पिटल जामडीह का नाम षामिल है

इनमें कितने मानक पर खरा उतरते हैं, और कितने नहीं, और कितने गरीब मरीजों का खून चूस रहे हैं, इसका पता तो जांच के बाद ही पता चलेगा। वैसे जिला कोआर्डिनटर के रडार पर भी एक दर्जन से अधिक खूनचुसवा अस्पतालें है।

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