- 29°C Noida, Uttar Pradesh |
- Last Update 11:30 am
- 29°C Greater Noida, Uttar Pradesh
सीएमओ संतकबीरनगर ने चहेते फर्म को ठेका देने को तोड़ा नियम
-मनमाने तरीके से निविदा की शर्ते लागू किया, ऐसे-ऐसे प्रमाण-पत्र मांगे गए जो एक सामान्य सेवाप्रदाता उपलब्ध ही नहीं करा सकता
-जेम पोर्टल में प्रायोजित तरीके से आंमत्रित की गई निविदा, शिकायतकर्त्ता चिल्लाता रहा, षिकायतें की लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया
-सारे नियम कानून तोड़कर मैनपावर की आपूर्ति कर रही चहेतह फर्म अपेक्षा इंटरप्राइजेज सहित एएस ग्रुप कानपुर को शतप्रतिशत निविदा की लागत पर दिया ठेका
-चहेती फर्म को ठेका देने के लिए प्रतिस्पर्धा न कराकर सरकारी धन का किया नुकसान
-भाकियू भानू गुट के मंडल प्रवक्ता चंद्रेश प्रताप सिंह ने इसकी शिकायत महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार से करते हुए 20 मई 25 की निविदा निरस्त करने की मांग की
बस्ती। जब सीएमओ साहब 25 लाख देकर जिला पाएगें तो मनमानी और भ्रष्टाचार करेंगे ही, योगी सरकार में सीएमओ के द्वारा सरकारी धन को लूटना कोई नई बात नहीं हैं, अभी बस्ती के सीएमओ का मामला चल ही रहा है, कि संतकबीरनगर के सीएमओ की मनमानी का मामला सामने आ गया। सीएमओ साहब ने अपने चहेती फर्म को मैनपावर का ठेका देने के लिए सारे नियम कानून को दरकिनार कर दिया, अन्य फर्मे चिल्लती रही कि साहब गड़बड़ी हो रही है, लेकिन उनकी आवाज को कमिश्नर साहब ने नहीं सुना, नतीजा सरकारी धन का नुकसान करके चहेती फर्म अपेक्षा इंटरप्राइजेज कानपुर सहित एएस ग्रुप कानपुर एवं जन सेवा केंद्र कानपुर नामक तीनों फर्मो को योग्य घोषित कर अन्य 21 फर्मो को अपात्र करार दे दिया, इस लिए अपात्र कर दिया क्यों कि तीनों फर्मो से सीएमओ की सेटिगं जो है। अब जरा अंदाजा लगाइए कि सीएमओ ने सरकारी धन का कितना नुकसान किया, शतप्रतिशत लागत पर निविदा दे दिया, जबकि लागत से भी कम फर्मे तैयार थी। मनमाने तरीके से निविदा की शर्ते लागू किया, ऐसे-ऐसे प्रमाण-पत्र मांगे गए जो एक सामान्य सेवाप्रदाता उपलब्ध ही नहीं करा सकता, जेम पोर्टल में प्रायोजित तरीके से आंमत्रित निविदा आमंत्रित की गई, शिकायतकर्त्ता चिल्लाता रहा, शिकायतें भी की लेकिन किसी ने ध्यान ही नहीं दिया। ऐसा लगता है, मानो सभी हिस्सेदार रहे हो। सयीएमओ ने वित्तीय साल 25-26 में अधीनस्थ चिकित्सा इकाईयों एवं सीएचसी पर साफ-सफाई, रखरखाव, गार्डनिगं एवं धुलाई कार्य के लिए जेम पोर्टल पर 20 जनवरी 25 को निविदा आमत्रित की गई। ऐसी शर्ते रखी गई की किसी अन्य फर्म को टेंडर ही न मिल सके। यहंा तक कि धरोहर राशि को अलग-अलग राशि अंकित कर निविदा को पूरी तरह भ्रमित बना दिया।जिससे पता चलता है, कि सीएमओ अपने खास को टेंडर देना चाहते है। वैसे भी जेम पोर्टल भ्रष्टाचार का केंद्र बन चुका हैं, गलत को सही करने के लिए जेम पोर्टल से बढ़िया और कोई माध्यम हो ही नहीं सकता। कमीशनबाजी ने आउट सोर्सिगं को सेवा प्रदाता के पास अधिकारियों ने एक तरह से गिरवी रख दिया है। भाकियू भानू गुट के मंडल प्रवक्ता चंद्रेश प्रताप सिंह ने इसकी शिकायत महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार से करते हुए 20 मई 25 की निविदा को निरस्त करने की मांग की है।
0 Comment