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विकास भवन में अब नहीं चढ़नी पड़ेगी सीढ़ी

विकास भवन में अब नहीं चढ़नी पड़ेगी सीढ़ी 

-बस्ती का विकास भवन प्रदेश का पहला भवन बनने जा रहे हैं, जहां पर लिफट की सुविधा मिलेगी

-डीडीओ अजय कुमार सिंह के प्रस्ताव को डीएम रवीश गुप्त ने दी मंजूरी, डीएम ने अपने निधि यानि क्रिटिकल गैप फंड से 27 लाख दिया

-इतना ही नहीं पूरा विकास भवन सोलरयुक्त होने जा रहा, इसके लिए नेडा को मिला 38 लाख

-3.5 लाख की लागत से दो नया टायलेट विकास भवन में बनेगा

बस्ती। जिला विकास अधिकारी अजय कुमार सिंह को कुछ नया करने के लिए जाना जाता हैं, इन्होंने जिले में पद ग्रहण करते ही जिले भर के कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए उनके खाते में समय से वेतन भेजने का सरायनीय कार्य किया। इनके आने के पहले वेतन कब लोगों को मिलेगा इसकी जानकारी ही नहीं हो पाती, जिसके चलते अनेक को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। समय से वेतन मिलने को लेकर आज जिलेभर के कर्मचारी और अधिकारी इनका गुणगान कर रहे है। 

अब इनके प्रयास से बस्ती का विकास भवन प्रदेश का पहला ऐसा विकास भवन बनने जा रहा हैं, जहां पर लिफट की सुविधा होगी, और पूरा विकास भवन सोलरयुक्त होगा, इतना ही नहीं विकास भवन में दो फाइव स्टार वाला टायलेट का भी निर्माण होगा। लिफट के निर्माण पर 27 लाख खर्च होगा, और इसे डीएम रवीश गुप्त अपने निधि यानि क्रिटिकल गैप फंड से बनवा रहे हैं। इसके लिए डीएम की भी सराहना हो रही है। इसकी कार्रदाई संस्था आरईडी है। 38 लाख की लागत से 60 किलोवाट का सोलरपैनल लगने जा रहा हैं, इसके लग जाने से विकास भवन में एक मिनट भी लाइट की कमी नहीं रहेगी। यह नेडा के द्वारा बनाया जा रहा है। इतना ही नहीं 3.5 लाख की लागत से विकास भवन में दो नया टायलेट का निर्माण होगा, इस तरह हर मंजिल में टायलेट की सुविधा मिल सकेगी। डीडीओ ने बताया कि विकास भवन को लिफट एवं सोलरयुक्त बनाने की पहल डीएम की ओर से की गई, काफी क्वेरी के बाद प्रोजेक्ट फाइनल हो सका। बताया कि जब वह यहां आए थे, तो उन्होंने देखा कि बुजुर्ग महिलांए और पुरुष किसी तरह रेलिगं पकड़कर सीडीओ या फिर अन्य अधिकारियों से मिलने जाते थे, अनेक तो अस्तमा के मरीज होते हैं, इनमें अधिकारी और कर्मचारी भी शामिल है। अगर किसी को श्रम विभाग में जाना होता हैं, तो वह आसानी से नहीं पहुंच सकता, कई जगह उसे आराम करना पड़ता, तब जाकर वह कार्यालय पहुंच पाता, चढ़ने से अधिक उतरने में उन्हें कठिनाईयों का सामना करना पड़ता। बताया कि विकास भवन सोलरयुक्त हो जाने से लिफट 24 घंटे चला करेगी। बताया कि वह जहां भी रहें, वहां पर जनता और कर्मचारियों के लिए की बेहतर से बेहतर सुविधा देने का प्रयास किया। यह भी सही हैं, कि जब डीएम और डीडीओ जिले से जाएगें तो लोग इन्हें याद करेंगे। जनता और कर्मचारी ऐसे ही अधिकारियों को पंसद भी करती। ना जाने कितने डीएम, सीडीओ और डीडीओ आए और गए, लेकिन किसी ने जनता और कर्मचारियों की सुविधा के लिए नहीं सोचा, वरना कब का लिफट भी लग जाता और भवन सोलरयुक्त भी हो जाता।

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