Breaking News
  1. No breaking news available
news-details
ताज़ा खबर

विधायक माने जीरो, विधायक डीएम का पैर छूते!

विधायक माने जीरो, विधायक डीएम का पैर छूते!

-बोलूंगा तो आग लग जाएगी, विधायक की हैसियत प्रधान जितना

-पावर सिमट कर रह गई, अब तो अधिकारी मेरे फोन का भी उत्तर नहीं देते

-राजनीति का तरीका बदल गया, विधायक डीएम का पैर छूते, डीएम की मर्जी हुई तो विधायक का काम हो गया, वरना राम-राम

बस्ती। अभी अधिक समय नहीं बीता जब पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह की तूती पूरे देश में बोलती थी, लेकिन समय ने ऐसा करवट लिया कि आज इनकी बात अधिकारी नहीं सुनते। दबदबा है, दबदबा रहेगा, का डायलाग क्या इन्होंने दिया सरकार हरकत में आ गई। एक साक्षात्कार में इन्होंने जो अपने मन की बात कही, उसे सुन पूरा देश भौचक्क रह गया। कहा कि बोलूंगा तो आग लग जाएगी। कहा कि आज राजनीति का तरीका बदल गया, आज अधिकारियों पर मेरे फोन का भी कोई असर नहीं होता। कहते हैं, कि जब विधायकों को काम करवाने के लिए डीएम का पैर पकड़ना पड़ता है, तो एक आम आदमी का कैसे कोई काम होगा, यह सोचने वाली बात है। सवाल यह है कि जब विधायक लोगों को डीएम का पैर पकड़ना पड़ रहा है तो आम जनता का क्या हाल होगा। भाजपा की सरकार में जनता को सिर्फ पीड़ा मिल रही है। जनता का शोषण हो रहा है। जब बीजेपी के कद्दावर नेता और पूर्वांचल के ठाकुरों के गौरव पूर्व सांसद और शिक्षाविद् बृजभूषण शरण सिंह व्यथित है, तब निर्बल का क्या हाल होगा या फिर यह कहूं कि जब बलशाली परेशान है, तो निर्बल का क्या हाल होगा। नेता जी की बात सुन कर एक घटना का और खुलासा हुआ, जब बस्ती के एक विधायक ने कोतवाल को फोन करके किसी के काम की सिफारिष की, काम तो नहीं हुआ, लेकिन कोतवाल ने जिसका काम था, उसे खूब खरी खोटी सुनाया, और कहा कि विधायकजी से सिफारिष करवाओगें तो यही हाल होगा। कोतवाल से कहा भी कि विधायकजी से सिफारिष करवाने के बाद यह हाल हैं, तो कोतवाल ने बोले हां। थोड़ी देर बाद वह बोला कि  योगीजी ने एक काम बहुत बढ़िया किया, उन्होंने उन विधायकों को उनकी औकात बना दी, जो बहुत भौकाल बनाते थे। बार-बार सवाल उठ रहा है, कि आखिर योगीजी किस नीति के तहत जनप्रतिनिधियों को अधिकारियों के सामने कमजोर बनाते जा रहा है। देखा जाए तो इसका नुकसान तो सरकार और भाजपा का ही होगा। जब विधायकजी जनता का कोई काम ही नहीं करवा पाएगें, तो फिर जनता उस विधायक और उसकी पार्टी को वोट क्यों देगी। दूधराम जैसे विधायक को एक सचिव का तबादला करवाने के लिए दूसरी बार पत्र लिखना पड़ा। ऐसा भी नहीं कि विधायकों को कमजोर करके योगीजी मजबूत हो रहे हैं, वह विधायकों से अधिक कमजोर होते जा रहे है। उन्हीं के पार्टी के लोग योगीजी को महत्वहीन सीएम तक कहने लगे। अब तो विधायक लोग खुले आम जनता से यह कहने लगें कि योगीजी और उसके अधिकारी उनकी सुन ही नहीं रहें। अधिकारी ना तो जनप्रतिनिधियों की ठीक से सुन रहे हैं, और ना ही उनके लिखने पर कोई कार्रवाई ही कर रहे है।

You can share this post!

वह रे कलवारी पुलिसः रेप के आरोपी सचिव को दे दिया क्लीन चिट!

क्या प्रशासन पेंशनर्स के धरना-प्रदर्शन का इंतजार कर रहा?

Tejyug News LIVE

Tejyug News LIVE

By admin

No bio available.

0 Comment

Leave Comments