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विधायकजी’ माफी मत ‘मांगिए’, यह बताइए नौ लाख बोरी ‘यूरिया’ गई ‘कहां’?

विधायकजी’ माफी मत ‘मांगिए’, यह बताइए नौ लाख बोरी ‘यूरिया’ गई ‘कहां’?

बस्ती। हर्रैया के भाजपा विधायक अजय सिंह ने किसानों से माफी मांगकर एक नई परम्परा को जन्म दिया, वरना माफी मांगने को कौन कहे, अफसोस तक नेताओं को नहीं आता। विधायकजी माफी तो आपने किसानों से मांग लिया, लेकिन किसानों से पूछिए तो सही कि क्या उन लोगों ने आपको और आपकी सरकार को माफ किया की गई? विधायकजी अगर वाकई आप और आपकी सरकार किसानों के आसूंओं को पोछना चाहती है, तो सबसे पहले एआर, जिला कृषि अधिकारी और पीसीएफ के डीएस के खिलाफ कार्रवाई करवाइए, क्यों कि आज जो आपको किसानों से खाद के लिए माफी मांगनी पड़ रही है, वह तीनों अधिकारियों के भ्रष्ट आचरण के लिए मांगनी पड़ी। विधायकजी किसानों का कहना है, कि जब तक यह तीनों अधिकारी जिले में रहेंगे तो तब तक किसान कभी खाद घोटाला, तो कभी धान तो कभी गेहूं घोटाला से परेशान रहेगा। विधायकजी हम तो कई बार पूछ चुके एक बार आप भी जरा अधिकारियों ये यह पूछिए कि जब सरकार ने लक्ष्य से 56 फीसद अधिक खाद उपलब्ध कराया तो वह खाद गया कहां, यही सवाल वीसी में कृषि मंत्री डीएम से पूछ चुके हैं। यह भी अवष्य पूछिएगा कि जब जिले के एक दर्जन से अधिक समिति और रिटेलर्स पिठले साल की अपेक्षा इस साल 966-966 फीसद अधिक खाद बेचा तो वह खाद गया कहां, प्रमुख सचिव उर्वरक से भी पूछिएगा कि आपने जो सर्वाधिक खाद बेचने वाले की जांच के लिए टीम भेजा तो वह टीम कैसे मैनेज हो गई?

विधायकजी अगर वाकई आप और आपकी सरकार जिले के किसानों को खाद, धान और गेहूं खरी का लाभ देना चाहते हैं, तो सबसे पहले तीनों अधिकारियों को जिले से बाहर भेजना होगा, नहीं तो अभी आप ने खरीफ में माफी मांगी, अगर यह तीनों अधिकारी जिले में रह गए तो आप को किसानों से रबी में भी माफी मांगनी पड़ेगी। मीडिया चिल्लाती रही कि खाद में गड़बड़ी हो रही है, रोकिए लेकिन किसी ने भी नहीं सुना। यहां तक कि कंटोल रुम तक की स्थापना कहने के बाद भी स्थापित नहीं किया। विधायकजी इसे मिस मैनेजमेंट मत कहिए, यह तो सीधा कालाबाजारी है। किसानों का यह भी कहना है, कि अगर दनके जिले के नेता चाह जाते तो एक बोरी यूरिया की कालाबाजारी नहीं हो पाती, लेकिन यहां तो नौ लाख बोरी यूरिया गई कहां कोई बताने वाला नहीं। बहरहाल, किसानों से माफी मांगना सभी को अच्छा लगा, कम से कम किसी भी विधायक को तो किसानों का दर्द सुनाई दिया। विधायकजी खरीफ को तो कालाबाजारियों ने नहीं बचा पाए, रबी को बचा लीजिए। इसी में आपकी और आपकी सरकार की उपलब्धि मानी जाएगी। गलतियों से सबक लेकर आगे से कभी किसानों को खाद के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। जिस तरह विधायकजी ने भविष्य में किसानों को खाद के लिए परेशान न होने का भरोसा दिया, वह भरोसा कितना अडिग रहेगा यह रबी में देखने को मिलेगा।

 पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए विधायकजी खुद खाद की समस्या को लेकर निराश होकर कहा कि खाद के लिए किसानों को जरूर परेशान होना पड़ा, इसलिए किसानों से वे हाथ जोड़कर माफी मांगते है और विश्वास दिलाते है कि किसानों को खाद के लिए अब आगे से परेशान नहीं होना पड़ेगा, विभागीय मिस मैनेजमेंट की वजह से खाद के लिए किसानों को समस्या आई। इसलिए वे माफी के हकदार है और बस्ती के किसानों से वादा कर रहे है कि अब खाद के लिए कभी परेशान नहीं होना पड़ेगा। कहा उनकी मुख्यमंत्री से बात हुई है, खाद पर्याप्त मात्रा में थी। विधायकजी ने कहा कि पहले की सरकारों में एक मामूली नौकरी के लिए लोगांे को गहने बेचना पड़ता था या कर्ज लेना पड़ता था, मोदी सरकार के दस साल के कार्यकाल में देश के दस लाख बेरोजगारों को नौकरी मिली है, और अब बिना किसी रिश्वत के काबिल लोगों को नौकरी मिल रही है और वाकायदा जनप्रतिनिधि ऐसे बेरोजगारों को रोजगार का प्रमाण पत्र सौंप रहे है। नियुक्तियों में धांधली अब समाप्त हो चुकी है, ट्रांसफर पोस्टिंग का धंधा भी खत्म हो चुका है, अब सिर्फ काबिल ही नौकरी पा रहे है। विधायक ने कहा कि प्रदेश के अन्य खाली पदों को भी सरकार जल्द ही भरेगी। मिशन 27 को लेकर विधायक ने कहा कि इस बार जनता चुनाव लड़ेगी, पार्टी पीछे रहेगी और जनता आगे चुनाव की कमान संभालेगी, कहा कि प्रचंड बहुमत से भाजपा सत्ता में लौटेगी। देश की आधी आबादी बीजेपी को अपना समर्थन देने जा रही है। कहा कि वह ऐसा कुछ नहीं कहते जिसे पूरा न कर सके, भद्रेश्वरनाथ मंदिर को लेकर कारीडोर का निर्माण होने जा रहा है, इसके अलावा भगवान राम अवतरण कारीडोर का स्टीमेट तैयार हो रहा है और जल्द ही इस की घोषणा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा की जाएगी

‘विधायकजी’ क्या ‘संजय चौधरी’ के भ्रष्टाचार के लिए जनता से माफी ‘मांगेंगे’?

विधायक अजय सिंह से जिले की जनता पूछ रही है, कि आपने तो खाद के लिए किसानों से तो माफी मांग लिया, क्या आप जिला पंचायत अध्यक्ष संजय चौधरी के भ्रष्टाचार के लिए भी मांफी मांगें? किसानों से माफी मांगते समय अध्यक्षजी भी आपके बगल में खड़े हुए थे, हालांकि इन्हें भी जिले के लोगों से माफी मांगना चाहिए, लेकिन इन्होंने नहीं मांगा, इस लिए नहीं मांगा क्यों कि इनके भीतर नेताओं वाला कोई गुण नहीं है। जिस व्यक्ति के भीतर भ्रष्टाचार कूट-कूटकर भरा हो, और जिसे गिल्लम चौधरी जैसे लोग ब्लैकमेल करें, उस अध्यक्ष से जिले की जनता क्या उम्मीद करेगी। वैसे विधायकजी जिला पंचायत में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर आप भी अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकते है। जिले को भ्रष्टाचार की आग में झोकने के लिए जनता आप को भी अध्यक्ष के साथ दोशी मानती है। एआर, जिला कृषि अधिकारी और पीसीएफ के डीएस ने तो किसानों का खाद खाया, लेकिन अध्यक्षजी और उनकी टीम ने तो पूरा जिला ही खा गए। अमृत सरोवर से लेकर सड़क निर्माण तक में सिर्फ भ्रष्टाचार ही भ्रष्टाचार दिखा, जनता को तो दिखा, क्या विधायकजी आपको भी दिखा। अगर, दिखा तो पार्टी की छवि बनाने के लिए या तो अध्यक्ष को या फिर आप को जिले के लोगों से माफी मांगनी चाहिए।

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